राजस्थान के कई जिलों में भारी बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात बन गए। कहीं तेज बारिश के चलते सड़कें दरियां बन गई तो कहीं घरों में पानी भर गया। ऐसे में घर का सामान बरसाती पानी में तैरता नजर आया। कई बस्तियां जलमग्न हो गई। जिससे लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया।

प्रदेश के कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा सहित कई जिलों में बुधवार को भारी बारिश हुई। इन जिलों में भारी बारिश राहत की जगह आफत लेकर आई। कई जगह पानी के बीच फंसे लोगों को नाव से निकाला गया है। वहीं, झालावाड़ में प्रसूता को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया। नदी नाले उफान पर होने से कई जिलों में एक-दूसरे गांवों का संपर्क कट गया।

बाढ़ से हालात, लोगों को नाव से निकाला

कोटा जिले में भारी बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए। कई बस्तियां जलमग्न हो गई तो मकानों-दुकानों में पानी का भराव हो गया। बरसात के चलते कस्बे में स्थित हबीब शाह दरगाह पर रहने वाले 8 लोग पानी से चारों और से घिर गए, जिनको ग्रामीणों की मदद से काफी प्रयास के बाद दरगाह परिसर से निकाला गया। वहीं खेतों पर फंसे हुए 6 लोगों को नाव की सहायता से सुरक्षित बाहर निकाला। तेज बरसात से कस्बा दो हिस्सों में तब्दील हो गया था।

घर में रखे सामान को बचाने में लगे रहे परिवार

खैराबाद माली मोहल्ले में रहने वाले नारायन माली को घर मे बरसाती पानी घुसने पर पूरी रात जागना पड़ गया। घर के सदस्यों ने घर में रखे सामान बहकर नहीं जाए इसके इंतजाम किए। नारायन माली के कमरों में तीन फीट से ज्यादा पानी भरने से उसके आटा, चावल, दाले, तेल मसाले बरसाती पानी में बह गए। खैराबाद में दर्जनों घरों में ऐसे हालातों से लोगों को रूबरू होना पड़ा।

प्रसूता को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया

झालावाड़ जिले में मूसलाधार बारिश होने से खेत जलमग्न हो गए। नदियां ऊफान पर होने से कई जगह रास्ते अवरूद्ध हो गए। आहू व कालीसिंध नदी के उफान पर होने से गागरोन ग्राम पंचायत का झालावाड़ मुख्यालय से संपर्क कट गया। ऐसे में प्रसूता को एसडीआरएफ की टीम ने रेस्क्यू किया गया।

बाढ़ के पानी के बीच विवाह की रस्म निभाई

इधर, खानपुर में बाढ़ के पानी के बीच विवाह की रस्म निभाई गई। बुधवार सुबह तेज बारिश होने से गोलाना कस्बा तीन से पांच फ़ीट पानी में घिर गया। लेकिन, शुभ मुहूर्त के चलते परिजनों ने पानी के बहाव के बीच ही माता पूजन की परंपरा निभाई और कमर तक पानी में दूल्हे के साथ परिवार की महिलाएं गीत गाती ओर नाचती माताजी पूजने पहुंची।

कई जगह सड़क मार्ग अवरुद्ध

बारां शहर समेत जिले में बुधवार को हुई बारिश से कई इलाकों में नदी नाले उफान पर आ गए। नदी नालों में उफान आने से कई जगह सड़क मार्ग अवरुद्ध हो गया। बाणगंगा नदी में उफान आ जाने से सडक़ की रपट पानी में डूब गई। जिससे गांव के लोगों का आवागमन ठप्प हो गया।

बारिश के चलते निचली बस्तियों में घुसा पानी

बूंदी जिले में बारिश के चलते निचली बस्तियों में पानी घुस गया और कई मार्ग बंद हो गए। डाबी में ऐरू नदी पर बनी अस्थायी पुलिया पानी के साथ बह गई। वहीं, नमाना-श्यामू मार्ग पर स्थित श्यामू गांव में बनी पुलिया पर पानी आने से पांच गांव का आवागमन बंद हो गया।

सड़कें हुई जलमग्न

भीलवाड़ा शहर में भारी बारिश से अधिकांश सड़कें जलमग्न हो गईं। वहीं, बस्तियों में पानी घुस गया। बारिश के चलते कई प्रमुख बांध, जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ा तो कई लबालब हो गए। कई जगह पानी पुलिया आने से आवागम भी बाधित हो गया। बिजौलियां क्षेत्र में बुधवार को हुई झमाझम से कस्बे से 14 किलोमीटर दूर बूंदी मार्ग स्थित बांका गांव के पास सेवन फॉल झरना पूरे जोश से बहने लगा।

उफान पर त्रिवेणी नदी

भीलवाड़ा जिले में बुधवार की भारी बारिश से बनास, बेडच और मेनाली नदी में पानी की जोरदार आवक हुई। जिससे त्रिवेणी नदी में उफान आ गया। त्रिवेणी नदी का गेज एक ही दिन में 2.40 मीटर से 8 मीटर तक पहुंच गया। त्रिवेणी नदी में पानी की आवक लगातार बनी हुई है। जिससे नदी के गेज में और बढ़ोतरी होने की उम्मीद है।

त्रिवेणी संगम के मंदिर आधे से ज्यादा पानी में डूब गए है। त्रिवेणी नदी को देखने के लिए लोगों की भीड़ भी उमड़ रही है। त्रिवेणी नदी में स्थित पुरानी पुलिया पर करीब चार फीट पानी चल रहा है।

गोवटा बांध में एक ही दिन में 7 फीट पानी की आवक

बुधवार को गोवटा बांध में एक ही दिन में 7 फीट पानी की आवक हुई। जिससे बांध पर चादर चलने लगी। बाणमाता शक्ति पीठ संस्थान के अध्यक्ष अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि गोवटा बांध से टैंकर भेज कर भीलवाड़ा शहर की वर्ष 2010 में प्यास बुझाई गई। यह राज्य में धीरे धीरे पर्यटन के क्षेत्र में भी पहचान बना रहा है।