उज्जैन: विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग धाम से हर साल सावन और भाद्रपद माह के सोमवार को महाकाल की सवारी निकलती है. इसी क्रम में सावन को तीसरे सोमवार यानि 28 जुलाई को निकलेगी. हर सवारी में बाबा अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देते हैं. इस बार बाबा की सवारी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की मंशा अनुसार अलग थीम पर निकाली जा रही है.

28 जुलाई को भगवान महाकाल शिव तांडव स्वरूप में भक्तों को दर्शन देंगे. साथ ही 04 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों का दल, स्कूल, पुलिस और बीएसएफ बैंड की विशेष प्रस्तुति सवारी में तीसरी थीम अनुसार देखने को मिलेगी.

भगवान तीन अलग अलग स्वरूप में देंगे दर्शन

भगवान महाकाल रजत पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर के रूप में, हाथी पर श्री मनमहेश के रूप में व तीसरे सोमवार को गरूड़ रथ पर श्री शिव-तांडव रूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे. सवारी निकलने के पहले श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभामंडप में 3 से 4 बजे के बीच भगवान का विधिवत पूजन-अर्चन होगा. उसके बाद ठीक 4 बजे भगवान नगर भ्रमण पर निकलेंगे.

मंदिर के मुख्य द्वार पर सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान को सलामी गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा. भगवा ध्वज, शंखनाद, तोप की आवाज, सेवकों का उद्घोष, घुड़सवार, नाचते-गाते भक्त, रंगोली बनाते कलाकार, 9 भजन मंडली, डमरू वादक, फूलो की वर्षा करते भक्त, भूत, नंदी, देवी देवताओं के अलग अलग भेष धारण कर सवारी में शामिल भक्त

04 जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल सहभागिता करेंगे.

प्रताप सिंह डिंडौरी के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का करमा सैला जनजातीय नृत्य.

पुष्पलता एवं साथियों द्वारा कर्नाटक का ढोलू कूनीथा जनजातीय नृत्य.

सचिन चौधरी जबलपुर मध्यप्रदेश द्वारा अहिराई लोकनृत्य.

संजय महाजन द्वारा गणगौर लोकनृत्य की प्रस्तुतियाॅं दी जाएगी.

सवारी मार्ग?

सवारी महाकाल मंदिर चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाडी से होती हुई क्षिप्रा नदी के श्री रामघाट पहुंचेगी. जहां क्षिप्रा नदी के जल से भगवान का अभिषेक और पूजन-अर्चन किया जाएगा. इसके बाद सवारी श्री राम घाट से रामानुजकोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिक चौक खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होती हुई शाम 07 बजे तक श्री महाकालेश्वर मंदिर लौटेगी.

 

 

कैसे होंगे भगवान के दर्शन?

पूरे सवारी मार्ग में वाहनों का प्रतिबंध रहेगा. मार्ग के आस पास की गलियों में भी वाहन प्रतिबंध और पुलिस के बेरेकेटिंग रहेंगे. श्रद्धालू दूर पार्किंग में व सुविधा अनुसार वाहन रख बेरेकेटिंग के एक साइड खड़े होकर भगवान के दर्शन लाभ लेंगे. सवारी मार्ग के बैरिकेडिंग तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को 1 से 2 बजे तक पहुंचना होगा. उसके बाद भीड़ होने से प्रवेश मिलना मुश्किल होगा.