निदेशालय के आदेशों से अंग्रेजी स्कूलों के शिक्षक कर रहे बीएलओ का काम
प्रशासनिक अधिकारी कर रहे सरकारी आदेशों की अवहेलना

चूरू (पीयूष शर्मा). प्रदेश के बच्चों को सरकारी स्कूलों में अंग्रेजी शिक्षा मुहैया करवाने के लिए खोले गए महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों के शिक्षक बच्चों को ए बी सी डी पढ़ाने की बजाय बीएलओ के काम कर रहे हैं।
संयुक्त शिक्षा सचिव व शिक्षा निदेशालय के आदेशों की वजह से शिक्षक अपना मूल काम छोडक़र बीएलओ की जिम्मेदारी निर्वहन करने को मजबूर है। गत वर्ष महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक जिला और ब्लॉक मुख्यालय पर खोले गए महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों की कमोबेस यही स्थिति है। उक्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों के लिए संयुक्त शासन सचिव व शिक्षा निदेशालय ने 14 नवंबर 2020 को सभी कलक्टर व जिला शिक्षा अधकारियों को आदेश जारी कर निर्देशित किया था कि जिला मुख्यालय एवं ब्लाक स्तर पर महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्यरत शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक स्टाफ को निर्वाचन संबंधी कार्य से जुड़े हुए जिला व उपखंड स्तरीय प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से विभिन्न कार्यालयों में चुनाव संबंधी कार्य के लिए दीर्घावधि के लिए प्रतिनियुक्त किया जा सकता है।
ऐसे में उक्त विद्यालयों में निर्बाध शिक्षण व्यवस्था वं दैनंदिन काम बाधित हो रहे हैं। जबकि राज्य सरकार एवं शिक्षा निदेशालय द्वारा निर्देशित किया गया है कि अंग्रेजी माध्यम उक्त विद्यालयों में कार्यरत समस्त शिक्षकों /कार्मिकों को निर्वाचन संबंधी कामों व बीएलओ आदि कामों से मुक्त रखा जाए। इसके बावजूद जिले के अंग्रेजी माध्यम विद्यालयों में कार्यरत स्टाफ को बीएलओ कार्य में लगाकर सरकार के आदेशों की अवहेलना की जा रही है।
अधिकारी तैयार नहीं शिक्षकों की पीड़ा सुनने को
आदेशों की अवहेलना करते हुए जिले के तारानगर ब्लॉक में स्थापित राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में कार्यरत शिक्षक रणवीर सिंह, मनोज कुमार प्रजापत को बीएलओ व कपिल कुमार, रमेश कुमार व रणवीर सिंह को प्रगणक लगाया गया है। जब इन शिक्षकों ने राज्य सरकार के आदेश का हवाला देते हुए उपखंड अधिकारी व जिला शिक्षा अधिकारी के समक्ष अपनी परिवेदना रखी तो कोई भी उच्चाधिकारी बात सुनने को तैयार नहीं है।
इनका कहना है
शिक्षक संघ एलिमेंट्री सैकंडरी टीचर एसोसिएशन(रेस्टा) के जिलाध्यक्ष रामावतार पबरी ने कहा कि जब राज्य सरकार के आदेशों की उच्चाधिकारी ही अवहेलना करेंगे तो कार्मिक अपनी परिवेदना किसके सामने रखेगा। इस संबंध में राज्य सरकार को संगठन की तरफ से पत्र लिखकर मांग की गई है कि उच्चाधिकारियों से राज्य सरकार के आदेशों की पालना सुनिश्चित करवाई जाए।